ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार

ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार
सेकि बिगड़ी बनाओ थे ऐसा कारीगर
ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार।।

हो समझ में आवे कोणी माया संसार की
प्यार में पडोसी बोले बता व्यापार की
हो सचो थारो दरबार जग ते न्यारो थारो प्यार
पल में रोता हँसाओ थे ऐसा जादूगर
ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार
सेकि बिगड़ी बनाओ थे ऐसा कारीगर
ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार।।

रीत जहाँ की ऐसी रोता ने रुलावे
बड़ा सवा शेर ये तो हारे ने हारवे।।

जग से आवे कोई हार बाबा थारे दरबार
हारी बाजी जिताओ थे ऐसा बाजी गर
ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार
सेकि बिगड़ी बनाओ थे ऐसा कारीगर
ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार।।

उलझो है जीव म्हारा माया के जाल में
थासे कुछ ना छानो बाबा बोलू काई हाल में
निर्मल ने थारी दरकार बाबा थारो ही आधार
पट राखो थे म्हारी बड़ी नाज़ुकिया डगर
ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार
सेकि बिगड़ी बनाओ थे ऐसा कारीगर
ढूंढ्यो सारो मैं संसार थांसो दूजो ना सरकार।।

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