एक मैं भोला एक तू भोला एक महारा भोला भंडारी

ना मतलब से मोह माया से
मने मतलब मेरे शंकर से,
जिस की महिमा के गुण गाऊ,
मैं लिखे काले अखर ते,
लिखे काले अखर ते।।

उस भोले का भगत सु मैं,
जिस की लीला अपरमपारी,
जिस की लीला अपरमपारी।।

एक मैं भोला एक तू भोला,
एक महारा भोला भंडारी,
जब सीधे सम्बन्ध प्रभु से,
फेर के सौदा दुनियादारी।।

मैं मान करू उस मालिक का,
उस के चरणा में ध्यान दरू,
जिसने यो जीवन दे राख्या,
उस खातिर प्राण मैं दान करू।।

अकाल अकाल मृत्यु और,
या दुनिया जिस के घेरे में,
कैलाश पति वो शिव शम्भू,
दा समसान के डेरे में
जिस की झटा में गंगा बेती,
पुरे ब्रहमांड पे है भारी,
पुरे ब्रहमांड पे है भारी ।।


एक मैं भोला एक तू भोला,
एक महारा भोला भंडारी,
जब सीधे सम्बन्ध प्रभु से,
फेर के सोदा दुनियादारी।।

जो फिरे भटकता सडका पे,
तने उस तई रस्ता दिखा दिया,
जीने कलम पकड़ नी आंदी ना,
उस तई लिख ना सिखा दिया,
ना कीमे फालतू जाणे ओ,
ना रूचि वेद कुराण में,
यो भोला बालक भोले जी,
तेरा जीकर करे से गाने में,
अब माने है इब शम्भू जी,
तेरी अमर पे किरपा है भारी,
तेरी अमर पे किरपा है भारी ।।


एक मैं भोला एक तू भोला,
एक महारा भोला भंडारी,
जब सीधे सम्बन्ध प्रभु से,
फेर के सोदा दुनियादारी।।

एक मैं भोला एक तू भोला,
एक महारा भोला भंडारी,
जब सीधे सम्बन्ध प्रभु से,
फेर के सौदा दुनियादारी।।

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