
गाथा शीश के दानी की – Gatha Sheesh Ke Dani Lyrics
कथा सुनो शीश दान की सुनो लगा कर ध्यान
कल्याणी वरदानी बोलो जय जय बाबा श्याम
कल्याणी वरदानी बोलो जय जय बाबा श्याम।।
बर्बरीक के बालपन की,
कथा है ये उनके जीवन की,
पूज्य मोरबी उनकी माता,
बनी पुत्र की भाग्य विधाता,
बर्बरीक था बाल्य काल था,
पुष्प अभी था सोलह साल का
ज्ञान वान बलवान बड़ा था
शक्ति का वरदान मिला था,
कठिन तपस्या और भक्ति से
मिली थी शक्ति आदि शक्ति से
दिव्या धनुष वरदान में पाया
तीन बाण तरकस में आया
नाम वीर बलधारी पाए
तीन बाण धारी कहलाये
पावन शीतल निर्मल ह्रदय
जरा भी नहीं अभिमान
कल्याणी वरदानी बोलो जय जय बाबा श्याम
कल्याणी वरदानी बोलो जय जय बाबा श्याम।।
युद्ध छिड़ा था महाभारत का
राजनीती का और ताकत का
कूट निति से कूट निति की
राजनीती से राजनीती की
गदा के आगे थे गदा धारी
खड़े धनुष ले तरकश धारी
दोनों तरफ ही कड़ी कड़ी थी सेना
काम यही था लड़ना मरना
सुनी युद्ध की बर्बरीक ने
महा युद्ध की बर्बरीक ने
इच्छा जाती बालक मन में
महा युद्ध की इच्छा जाएगी
महा युद्ध देखूंगा रन में
पास वो माता के जातेहै
जो दिल में था बतलाते है
आज्ञा दो माता देखु मैं महाभारत संग्राम
कल्याणी वरदानी बोलो जय जय बाबा श्याम
कल्याणी वरदानी बोलो जय जय बाबा श्याम।।
Gatha Sheesh Ke Dani Lyrics
Kalyani Vardaani Bolo Jai Jai Baba Shyam