
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है
मस्ती रे मस्ती बरसेगी दिन रात बरसेगी दिन रात वो घर पावन होता है
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है।।
उस घर का हर प्राणी मन में फूला नहीं समाये
श्याम रंग जिसपे चढ़ जाए और रंग ना भये
श्याम से खेले होली जब जब फागण होता है
मस्ती बरसेगी दिन रात वो घर पावन होता है
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है।।
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है
मस्ती बरसेगी दिन रात वो घर पावन होता है
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है।।
श्याम का कीर्तन हो जिस घर में आते है बजरंगी
धन दौलत की कमी रहे न मिट जाए सब तंगी
हरा भरा खुशियों से घर का आँगन होता है
मस्ती बरसेगी दिन रात वो घर पावन होता है
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है।।
श्याम की ज्योत जले जिस घर में अला बाला ना आये
स्वस्थ रहे प्राणी उस घर में रोग दूर हो जाए
दुःख रुपी सागर का पल में मंथन होता है
मस्ती बरसेगी दिन रात वो घर पावन होता है
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है।।
दर्शन करने श्याम के प्रेमी दूर दूर से आते
झूम झूम मस्ती में भोली भजन रसीले गाते
उस घर में देखो मस्ती का आलम होता है
मस्ती बरसेगी दिन रात वो घर पावन होता है
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है।।
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है
मस्ती बरसेगी दिन रात वो घर पावन होता है
घर में जिनके संवारिये का कीर्तन होता है।।