हारा हूँ तू अपना बना ले

हारा हूँ तू अपना बना ले,
मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम,
शरण हूँ चरणों से लगा ले,
मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम,
मेरी हर साँस में तू है,
मेरे जज़्बात में तू है ओ साँवरे ओ सांवरे,
हारा हूँ तू अपना बना ले।।

भीलनी के राघव बनकर त्रेता में आए,
द्वापर में राधा जी के प्रियतम कहाए,
नरसी की गाड़ी हाँकी भात भराया,
क्या है तेरी माया कोई समझ ना पाया,
मुझसे भी तू रिश्ता बना ले,
मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम,
शरण हूँ चरणों से लगा ले,
मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम,
हारा हूँ तू अपना बना ले।।

जब मैंने खाई ठोकर हाथ बढ़ाया,
गले से लगाया तूने अपना बनाया,
हारे हुए को बाबा तुमने जिताया,
दर दर भटका मैं रास तू ही आया,
चाहे जो मन मर्जी चला ले,
मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम,
शरण हूँ चरणों से लगा ले,
मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम,
हारा हूँ, तू अपना बना ले।।

चाहा था जो कुछ पाया जिंदगी सँवार दी,
डूबती नैयाँ मेरी तुमने ही तार दी,
धुंधली थी राहें मेरी अँधेरी डगरिया,
दीप जला के रौशन कर दी साँवरिया,
अन्नू को चरणों से लगा ले,
मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम,
शरण हूँ चरणों से लगा ले,
मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम,
हारा हूँ तू अपना बना ले।।

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