है जाना अमर नाथ के द्वार है

अमरनाथ की जय हो,
शिव शंकर की जय हो,
महादेव की जय हो जय हो।।

है आया सावन का त्यौहार की भक्तो हो जाओ तैयार,
है आया सावन का त्यौहार की भक्तो हो जाओ तैयार,
है जाना अमर नाथ के द्वार है अपना वही पर उद्धार,
है आया सावन का त्यौहार की भक्तो हो जाओ तैयार ।।

झूठी मोह माया छोडो अमरनाथ चलो जी,
चाहे तू अकेला चालो चाहे साथ चालो जी,
भोले का संदेसा आया बाते मत टालो जी,
जय जय अमरनाथ छोडो मोह संसार,
है आया सावन का त्यौहार की भक्तो हो जाओ तैयार ।।

अमरनाथ की जय हो,
शिव शंकर की जय हो,
महादेव की जय हो जय हो।।

श्रद्धा और भावना का पूरा संसार है,
कोई चला पैदल कोई घोड़े पे सवार,
अपनी सूझ और अपने है विचार जय जय अमरनाथ,
बोलो क्या है विचार,
है आया सावन का त्यौहार की भक्तो हो जाओ तैयार ।।

शीतल समीर राग शिवजी के गाते है
कथा अमरनाथ की पहाड़िया सुनाती है
हँसते चलते जाते है शिव तृष्णा तड़पाती है कैसा चमत्कार
है आया सावन का त्यौहार की भक्तो हो जाओ तैयार ।।

जय जय बाबा अमरनाथ जय बर्फानी जी,
भूखो को देते अन्ना प्याज़ को पानी जी,
तेरी शक्ति सारे जग ने मानी जी अरज करे है कुमार,
है आया सावन का त्यौहार की भक्तो हो जाओ तैयार ।।

है जाना अमर नाथ के द्वार है अपना वही पर उद्धार,
है आया सावन का त्यौहार की भक्तो हो जाओ तैयार ।।

Leave a Comment