
हमारो मन झूमे नाचे गावे,
भादो महीना शुक्ल पक्ष जब,
भादो महीना शुक्ल पक्ष जब,
राधा अष्टमी आवे,
हमारो मन झूमें नाचे गावे।।
बरसाने आकर ये जाना,
राधा अष्टमी पर्व सुहाना,
आनंद बरस रहो बरसाना,
ग्वाल बाल सखियां बृजवासी,
ग्वाल बाल सखियां बृजवासी,
सब मिल मंगल गावें,
हमारो मन झूमें नाचे गावे।।
लाडो प्यारी महल बिराजे,
सूरज की लाली मुख साजे,
भानू भवन में बधाई बाजे,
झूम रही है पीली पोखर,
झूम रही है पीली पोखर,
नव नव रंग दिखावे,
हमारो मन झूमें नाचे गावे।।
दयानंद अब मन नहीं माने,
राधा अष्टमी पर्व मनाने,
ले परिवार चलो बरसाने,
सोया भाग जगे तब ही जब,
सोया भाग जगे तब ही जब,
लाडो आप बुलावे,
हमारो मन झूमें नाचे गावे।।
हमारो मन झूमे नाचे गावे,
भादो महीना शुक्ल पक्ष जब,
भादो महीना शुक्ल पक्ष जब,
राधा अष्टमी आवे,
हमारो मन झूमें नाचे गावे।।
Badhai Ho Badhai Ho
Hamaro Man Jhoome Nache Gave
Bhado Mahina Shukl Paksh
Jab Radha Ashtami Aave
Barsane Akar Yah Jana
Radha Ashtami Parv Suhana
Anand Baras Raho Barasana
Gval Bal Sakhiyan Brjavasi
Sab Mil Mangal Gaven
Lado Pyari Mahal Biraje
Sooraj Ki Lali Mukh Saje
Bhanoo Bhavan Mein Badhai Baje
Jhoom Rahi Hai Pili Pokhar
Nav Nav Rang Dikhave
“Dayanand” Ab Man Nahin Mane
Radha Ashtami Parv Manane
Le Parivar Chalo Barsane
Soya Bhag Jage Tab Hi
Jab Lado Ap Bulave