हारा हूँ मैं जग से प्रभु तुम्हे मुझको जिताना है

हारा हूँ मैं जग से प्रभु तुम्हे मुझको जिताना है,
तेरा दर ही मेरा बाबा आखरी ठिकाना है,
हारा हूँ मै जग से प्रभु तुम्हे मुझको जिताना है।।

दुनिया के थपेड़ो ने मुझे जख्म दिए गहरे,
दिल से ना कोई अपना बस नाम के है मेरे,
कैसे मैं कहूं तुमको क्या कहता जमाना है
तेरा दर ही मेरा बाबा आखरी ठिकाना है हारा हूँ
मै जग से प्रभु तुम्हे मुझको जिताना है।।

कुछ बातें है मन की बस तुमसे ही करनी है,
अनसुनी ना करना नहीं और से कहनी है,
एक तू ही मेरे बाबा जीने का बहाना है
तेरा दर ही मेरा बाबा आखरी ठिकाना है
हारा हूँ मै जग से प्रभु तुम्हे मुझको जिताना है।।

जख्मी है ये दिल मेरा और घाव पुराना है,
मेरी भी सुनो मेरे श्याम कहता है ये दीवाना है,
“गुड्डू” तेरे चरणों में रखता अफसाना है,
तेरा दर ही मेरा बाबा आखरी ठिकाना है,
हारा हूँ मै जग से प्रभु तुम्हे मुझको जिताना है।।

हारा हूँ मैं जग से प्रभु तुम्हे मुझको जिताना है,
तेरा दर ही मेरा बाबा आखरी ठिकाना है,
हारा हूँ मै जग से प्रभु तुम्हे मुझको जिताना है।।

सिंगर – प्रकाश ओड़ेका जी

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