अरे मुरलीधर कान्हा सांवरे हे गोपाला

हे गोपाला लिरिक्स :

जमुना तेरे समीर
थोडी मंड मंड चले
बृज के राज में भी सुगंधी
मेरे गोविंद की मील

नटखट नटवर नगर नंद लाल
अरे मुरलीधर कान्हा सांवरे
हे गोपाला

नंदनवन मे कृष्ण मुरारी
आज भी नर्तन करें
वृंदावन के नर नारी
रालमिल संकीर्तन करें

सोहे मोर मुकुट मथे
कांठे वैजंती माला
हे बंसीधर मोहक सलोन
हे गोपाला

लीलाधारी रसबिहारी की
महक कान-कान में
गोपी जनवल्लभ त्रिपुरारी हरि
एक एक मन में

श्याम श्याम रंग में
सारा गोकुल रंग दल
माधव मदन मुरारी सांवरे
हे गोपाला

वेणु बजैया धेनु छैय्या
नागर नंद किशोर
नच नचैया रास रचैया
मनोहरा चितचोर

नटखट नटवर नगर नंद लाल
अरे मुरलीधर कान्हा सांवरे
हे गोपाला
हे बंसीधर मोहक सलोना
हे गोपाला
माधव मदन मुरारी सांवरे
हे गोपाला

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