हम जीते जीते जीते तेरे दम पे जीते

जब जब बाबा कोई ठोकर खाता है
रस्ता जब कोई नज़र नहीं आता है
हार के तेरे दर पर जब वो आता है
सारी उम्र ये ही गाता है
हम जीते जीते जीते तेरे दम पे जीते।।

जीते की है दुनिया ये साड़ी हारे की ना है दुनिया दुलारी
हारे का तो बस तू ही सहारा तेरे ही दर पे मिलता किनारा
देखा ना तेरे जैसा सांवरे
हम जीते जीते जीते तेरे दम पे जीते।।

माँ से किया था तुमने जो वादा उस वाडे को तू हर पल निभाता
कंकर को मोती तू ही बनाता सेठ बनाकर दुनिया घुमाता
वाह रे बाबा वाह वाह …….वाह रे वाह
हम जीते जीते जीते तेरे दम पे जीते।।

जबसे किया है हर्ष ने खुद को तेरे हवाले तेरे हवाले
तबसे ही बाबा उसकी तो नैया तू ही संभाले
लायक नहीं था मैं तो सांवरे
हम जीते जीते जीते तेरे दम पे जीते।।

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