
जब भी मुझको याद करोगे,
जब भी मुझको याद करोगे,
जब भी मुझको याद करोगे मैं आऊंगा,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसें हैं,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं,
ध्यान लगाओ, हा ध्यान लगाओ,
मुझे सामने ही पाओगे,
नहीं नज़र से कहीं दूर तुम जा पाओगे,
अलख जगाओ ज्योत जलाओ,
अलख जगाओ ज्योत जलाओ,
अलख जगाओ ज्योत जलाओ मैं दिखूंगा,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं।।
मैं भक्तों से हा मैं भक्तों से नहीं बिछड़कर रह सकता हूँ,
भक्तों का दुःख दर्द ज़रा भी सह सकता हूँ,
भीतर के पट खोल रे बंदे,
भीतर के पट खोल रे बंदे,
भीतर के पट खोल तार से तार मिलाओ,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं।।
शिरडी से जो ओ शिरडी से जो सच्चे दिल से प्यार करेगा,
भवसागर की लहरों में वो नहीं बहेगा,
यहाँ वहाँ हर थल में मेरी,
यहाँ वहाँ हर थल में मेरी,
यहाँ वहाँ हर थल में मेरी,
खुशबू फैली शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं।।
मुझ पर अपना ओ मुझ पर अपना जिसने सब कुछ किया समर्पित,
मैं भी उस पर कर देता हूँ सब कुछ अर्पित,
मुझ में और भक्त में कोई,
मुझ में और भक्त में कोई,
मुझ में और भक्त में कोई,
भेद नहीं है शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं।।
जब भी मुझको याद करोगे,
जब भी मुझको याद करोगे,
जब भी मुझको याद करोगे मैं आऊंगा,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं,
शिरडी की समाधी में मेरे प्राण बसे हैं।।