जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा

जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा,
संकट की घडी में ये बड़ा काम आएगा।।

जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा,
संकट की घडी में ये बड़ा काम आएगा
जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा।।

भटको ना कही जग में खाटू में बैठा श्याम
एक बार तो जाके मिल तुझे गले लगाएगा
जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा।।

जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा,
संकट की घडी में ये बड़ा काम आएगा।।

ये पल में बलदेता हाथो की लकीरो को
तू प्रेम बढ़ा कर देख तेरा बन जाएगा
जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा।।

जो रहे शरण इसकी उसका ये रखवाला
जो रहे शरण इसकी उसका ये रखवाला
प्रेमी के घर आकर दामन भर जाएगा
जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा।।

माथे पे तिलक लगा खाटू की मिटटी से
माथे पे तिलक लगा खाटू की मिटटी से
चोखानी तेरी बिगड़ी मेरा श्याम बनाएगा
जब जब भी पुकारोगे मेरा श्याम आएगा।।

Leave a Comment