
जब तक रहे तन में जिया
सांवरिया सुन ले ज़रा
मैं तेरे भजन गाऊं होके मगन
गाऊं तेरे भजन नाचूं होके मगन
जब तक रहे…………….
साँसें मेरी तेरे गीत गाये
आँखों को बस तेरा दरश भाये
मन की तुम जान लो पहचान लो क्या कहूं तुमसे
जब तक रहे…………….
मेरे रोम रोम में तू ही बसा है बाबा
तेरे नाम का ये कैसा नशा बाबा
तेरे दर झूम के हाँ घूम के सब आ रहे बाबा
जब तक रहे…………….
खुद को करें जो श्याम के हवाले
उसको हमेशा श्याम ही संभाले
ओ मेरे श्याम रे अब थाम ले तू मेरी बाँहें
जब तक रहे…………….
शर्मा तेरे चरणों में सर रखता है
अश्कों को फिर लफ़्ज़ों में लिखता है
अपने अंदाज़ में आवाज़ में रोहित इन्हें गाये
जब तक रहे…………….