जन्मे जन्मे री मथुरा में नंदलाल शोर ब्रज में भारी

जन्मे जन्मे री मथुरा में नंदलाल, शोर ब्रज में भारी
जन्मे जन्मे री मथुरा में नंदलाल, शोर जग में भारी।।

ले वसुदेव चली री गोकुल को, जमुना बीच में आई,
जमुना में उठत हिलोर, शोर ब्रज में भारी।।

एक माया गोकुल में आई, कह रहे मदन मुरारी,
यशोदा मैया को नहीं है कोई होश, शोर जग में भारी।।

यशोदा माँ ने लाला जाए कह रे नर और नारी,
नंद भवन में बज रहे ढोल, शोर जग में भारी।।

जन्मे जन्मे री मथुरा में नंदलाल, शोर ब्रज में भारी
जन्मे जन्मे री मथुरा में नंदलाल, शोर जग में भारी।।

ब्रज नारी सब चरुवे चरावे सखियां मंगल गांवे,
पलना झूले नंद किशोर, शोर जग में भारी।।

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