
Japta Om Namah Shivay Lyrics
जपता ॐ नमः शिवाये
पूर्व से जब सूरज निकले
और सुर मुनि ध्यान लगाए
मंदिर में घंटी बाजे और पंछी गीत सुनाये
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये।।
ॐ नमः शिवाये शंभु ॐ नमः शिवाये
ॐ नमः शिवाये शंभु ॐ नमः शिवाये
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये
ॐ नमः शिवाये शंभु ॐ नमः शिवाये ।।
तेरा राग सज रहा धड़कन की साज पे
शंभु शंभु कह रहा साँसों के साथ में
और ये गहन सिन्दूरी तेरा दरश दिखाए
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये
ॐ नमः शिवाये शंभु ॐ नमः शिवाये ।।
ऊँचा ये पर्वत और गंगा का ये बहना
पवन में लिपटी खुशबू का गहना सुन्दर पहना
और ये नाम तेरा क्या जादू दिखाए
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये।।
तेरे नाम को शंकर मैं गाउन
तू कहा नहीं है कैसे ये बतलाऊँ
और ये ही तो मेरी प्यास बढ़ाये
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये।।
ॐ नमः शिवाये शंभु ॐ नमः शिवाये
तब मन वैरागी रे जपता ॐ नमः शिवाये
ॐ नमः शिवाये शंभु ॐ नमः शिवाये ।।
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