जीवन की घड़ियों में कोई ऐसा भी पल आये

जीवन की घड़ियों में कोई ऐसा भी पल आये
जब श्याम निकट आये चरणों से लिपट जाए
इस मन के भावों को बस तुम ही समझते हो
मेरे मन को बस तुम ही समझते हो
ये मन में ना रह जाए दिल सोच के घबराये
जीवन की घड़ियों में ……………

बरसो तुम्हारे द्वार पे मैं आता रहा हूँ
इस दर को छोड़ कर कहो अब और कहाँ जाऊं
एक बार जो मिल जाओ तड़पन मेरी मिट जाए
जो श्याम निकट आये चरणों से लिपट जाए
जीवन की घड़ियों में ……………

तुम्हे पाने की खातिर प्रभु ये जीवन मिला है
जन्मो की चाहतों का इतना ही सिला है
पथराई ये अँखियाँ राह तकती ना रह जायने
पथराई मेरी अँखियाँ राह तकती ना रह जायने
जो श्याम निकट आये चरणों से लिपट जाए
जीवन की घड़ियों में ……………

मेरा बस चले तो सांवरे मैं दौड़ा चला आऊं
जी भर के मैं देखूं तुम्हे खाटू में ही बस जाऊं
तेरी श्याम बगीची का ये फूल ना मुरझाये
जो श्याम निकट आये चरणों से लिपट जाए
जीवन की घड़ियों में ……………

एक बार तो आओगे प्रभु विश्वास ये मेरा है
दर्शन बिना मुकेश के जीवन में अँधेरा है
आ भी जाओ सांवरिया कहीं दम ना निकल जाए
जो श्याम निकट आये चरणों से लिपट जाए
जीवन की घड़ियों में ……………

https://www.youtube.com/watch?v=VmMR48hZeUI

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