
उपवास रखे मैंने पूजन भी कराया है,
जीवन में मैंने संतोष ना पाया है,
जीवन में मैंने संतोष ना पाया है।।
धन दौलत पास मेरे बांग्ला है गाडी है,
क्या करना दौलत का जब गोद ही खाली है,
संतोषी अब दमन तेरे दर फैलाया है,
जीवन में मैंने संतोष ना पाया है।।
माँ हो सारी जग की मुझे माँ न कोई कहता
मेरे दिल में हमेशा माँ बस एक ही दुःख रहता
एक आस औलाद की क्यों मुझको तरसाया है
जीवन में मैंने संतोष ना पाया है।।
अंखिया माँ तरस गयी मेरे अग्नि कोई खेले ,
एक लाल मुझे दो माँ चाहे दौलत सब लेले,
मैंने तेरे चरणों में सर अपना झुकाया है,
जीवन में मैंने संतोष ना पाया है।।
विश्वास है मुझको माँ मेरी गोद तो भर देगी,
उनकी चरणों की दासी हूँ ये काम तो करदेगी,
चन्दन जिसने माँगा तेरे धाम से पाया है,
जीवन में मैंने संतोष ना पाया है।।
Jeevan Mein Maine Santosh Na Paya Hai Lyrics
उपवास रखे मैंने पूजन भी कराया है,
जीवन में मैंने संतोष ना पाया है,
जीवन में मैंने संतोष ना पाया है।।
सिंगर – चेतना शुक्ला जी।