ज्वाला मैया का दरबार यो अकबर देखने आया

Durga Mata Bhajan

ज्वाला मैया का दरबार यो अकबर देखने आया
ज्वाला मैया का दरबार यो अकबर देखने आया।।

बिन तेल दिया ना बाटी
जहां ज्योत जले दिन दिन रात्रि
वहाँ पे हो रही जय जयकार, यो अकबर देखने आया
ज्वाला मैया का दरबार यो अकबर देखने आया।।

पानी के कुवे खुदवाए मंदिर में पानी भरवाए
ज्योति पानी में लहराए ये अकबर देखने आया
ज्वाला मैया का दरबार यो अकबर देखने आया।।

लोहे के तवे मँगवाए ज्योति के ऊपर लगवाए
ज्योति निकाल गयी सरपार यो अकबर देखने आया
ज्वाला मैया का दरबार यो अकबर देखने आया।।

अकबर को हुई हैरानी मुझे माफ़ करो महारानी
मैया हम बालक नादान यो अकबर देखने आया
ज्वाला मैया का दरबार यो अकबर देखने आया।।

सोने का छत्तर चढ़ाया मैया का मान बढ़ाया
वहाँ पे हो रही जय जयकार यो अकबर देखने आया
ज्वाला मैया का दरबार यो अकबर देखने आया।।

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