
कालो की महाकाल भवानी
कालो की महाकाल भवानी
रूप लिए विकराल
जय जय कार जय जय कार
काली महाकाली कलकत्ते वाली माता।।
मुंडो की माला डाल भवानी
आगयी माँ महाकाली
निकले नैनो से ज्वाला
हर किलकारी काली
हाहाकार मची असुरो में
देख के रूप विकराल
जय जय कार जय जय कार
काली महाकाली कलकत्ते वाली माता।।
रक्त बीज के रक्त से काली
अपनी प्यास बुझाती
अपनी प्यास बुझती
शुम्ब निशुम्भ मधु के तब से
दानव मार गिरती दानव मार गिरती
मुंड काट असुरो का मैया
पिए रक्त की धार
जय जय कार जय जय कार
काली महाकाली कलकत्ते वाली माता।।
काल भी घबराया माँ तुमसे
कालो की माँ महाकाली
राण भूमि में कोई नहीं माँ
तुमसे शक्ति शाली
हुआ ना ऐसा और न होगा
दुनिया में अवतार
जय जय कार
काली महाकाली कलकत्ते वाली माता।।