कँवर ये रखले कंधे पे भोले के दर पे चल

जय जय भोले जय जय भोले जय जय भोले नाथ
जय जय भोले जय जय भोले जय जय भोले नाथ

कँवर ये रखले कंधे पे भोले के दर पे चल
जाके चढ़ाना शिव को पावन ये गंगा जल।।

ॐ नमः शवाये ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शवाये ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय।।

भोले शंकर के दर पे कँवर लेकर जो आता
चारो धाम का पुण्य वोतो वैद्यनाथ से पाता
वैद्यनाथ से पाता ॐ नमः शिवाय।।

कितनी भी आये बाधा रुकना ना एक पल
जाके चढ़ाना शिव को पावन ये गंगा जल।।

कँवर ये रखले कंधे पे भोले के दर पे चल
जाके चढ़ाना शिव को पावन ये गंगा जल।।

सावन का ये महीना भोले के मन को ये भाता
कांवरियों की देख के श्रद्धा मन प्रसन्ना हो जाता
मन प्रसन्ना हो जाता हो मन प्रसन्ना हो जाता
शिव की होगी रे कृपा शिव की होगी रे कृपा
संकट जाएगा टल
जाके चढ़ाना शिव को पावन ये गंगा जल।।

कँवर ये रखले कंधे पे भोले के दर पे चल
जाके चढ़ाना शिव को पावन ये गंगा जल।।

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