
खाटू में घूंघटो ना जाऊं काढ़ के
मेरे श्याम ने रिझासु मैं तो नाच नाच के।।
खाटू में घूंघटो ना जाऊं काढ़ के
मेरे श्याम ने रिझासु मैं तो नाच नाच के।।
खाटू में जावन के ताई अर्जी सौ सौ बार लगायी
तब जाकर म्हारे संवारिये की खाटू से चिट्ठी है आयी
इतनी दूर से मैं आयी चाल के
मेरे श्याम ने रिझासु मैं तो नाच नाच के।।
खाटू में घूंघटो ना जाऊं काढ़ के
मेरे श्याम ने रिझासु मैं तो नाच नाच के।।
घुघंटियो आड़े आ जावे
म्हणे कुछ भी नजर ना आवे
भजन सुनसु मैं बाबा ने भाव से
मेरे श्याम ने रिझासु मैं तो नाच नाच के।।
खाटू के दरबार म्हारा पगला थिरकन लागए
और कथे ना नाचू सोनू
मिले नाचन को भाग्य से
खाटू में घूंघटो ना जाऊं काढ़ के
मेरे श्याम ने रिझासु मैं तो नाच नाच के।।
घुघतियो आड़े आ जावे
म्हणे कुछ भी नजर ना आवे
भजन सुनसु मैं बाबा ने भाव से
मेरे श्याम ने रिझासु मैं तो नाच नाच के।।
खाटू में घूंघटो ना जाऊं काढ़ के
मेरे श्याम ने रिझासु मैं तो नाच नाच के।।