खेले सखियाँ संग फाग आज बरसाने में

खेले सखियाँ संग फाग आज बरसाने में,
खेले सखियाँ संग फाग आज बरसाने में,
री हाँ आज बरसाने में,री हाँ आज बरसाने में,
खेले रे खेले रे खेले सखियाँ संग फाग आज बरसाने में,
खेले सखियाँ संग फाग आज बरसाने में।।

अकड़ के संग ग्वालो के ढोले,
जय भानु के जमाई के बोले,
जैसे हो इनका ही राज आज बरसाने मे,
जैसे हो इनका ही राज आज बरसाने मे,
री हाँ आज बरसाने मे,
खेले री सखियाँ संग फाग आज बरसाने में।।

करने चले बरसाने में दंगल,
सँग में साखा सुमेध मधु मंगल,
आए बाँध आए बाँध बसंती फाग आज बरसाने मे,
खेले री सखियाँ संग फाग आज बरसाने में,
खेले री सखियाँ संग फाग आज बरसाने में।।

इत उतरि ब्रषभानु दुलरी,
सँग में सखिया ले मतवारी,
कहे मोहन सो ललकार आज बरसाने में,
खेले रे सखियाँ संग फाग आज बरसाने में।।

हो हो करते हो काहे प्यारे,
दिन में तोहे दिखाएँगे तारे,
हो हो करते हो काहे प्यारे,
दिन में तोहे दिखाएँगे तारे,
जब होरी जब होरी मचेगी लट्ठ मार आज बरसाने मे,
खेले री हाँ खेले सखियाँ संग आज बरसाने में,
होरी होरी होरी होरी
होरी होरी होरी होरी
होरी होरी होरी होरि।।

https://www.youtube.com/watch?v=2AlKUjhagis

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