
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी लिरिक्स
Koi Kahe Kailasho Ke Tum Ho Vasi Koi Kahe Rehte Ho Kashi
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी।।
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी।।
हिमाचल की बेटी गौरा तेरी साखी,
रहते हो कहाँ सन्यासी,
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी।।
चन्दन चढ़े तोहे धतूरा चढ़े तोहे,
चढ़े बेलपत्र दूध की धारा,ओ देवा,
एक हाथ शूल तेरे एक हाथ डमरू तेरे,
जटाओं से बहे गंगा धारा, हो देवा,
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी।।
खुद तूने विष पिया औरों को अमृत बाँट के,
नील कंठ तब से तू कहलाया,
ओ भोले, धरती अम्बर पाताल सब है तेरे महाकाल,
रघुवंशी करे तेरी पूजा, हो देवा,
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी।।
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Koi Kahe Kailasho Ke Tum Ho Vasi Koi Kahe Rehte Ho Kashi