कृपा की दृष्टि मुझपे भी अगर इक बार हो जाए

कृपा की दृष्टि मुझपे भी अगर इक बार हो जाए,
तो इस संसार से प्रभुवर मेरा उद्धार हो जाए,
कृपा की दृष्टि मुझपें भी अगर इक बार हो जाए।।

फसी मजधार में नैया किनारा दूर हो लेकिन,
खिवैया आप हो जाए तो बेड़ा पार हो जाए,
तो इस संसार से प्रभुवर मेरा उद्धार हो जाए,
कृपा की दृष्टि मुझपें भी अगर इक बार हो जाए।।

हुए जितने भी पापी आजतक मैं सबसे बढ़के हूँ,
मेरा भी फैसला भी सरकार कुछ इक बार हो जाए,
तो इस संसार से प्रभुवर मेरा उद्धार हो जाए,
कृपा की दृष्टि मुझपें भी अगर इक बार हो जाए।।

कृपा की दृष्टि मुझपे भी अगर इक बार हो जाए,
तो इस संसार से प्रभुवर मेरा उद्धार हो जाए,
कृपा की दृष्टि मुझपें भी अगर इक बार हो जाए।।

सिंगर – धीरज कान्त जी।

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