लगा लो बाबा मुझे गले से ज़माने वालों ने दिल दुखाया

लगा लो बाबा मुझे गले से ज़माने वालों ने दिल दुखाया
समझ के बैठा था जिनको आना समय पे कोई ना काम आया

सभी ने मुझको गिराना चाहा सभी ने मुझको रुलाना चाहा
मगर भरोसा था तुझपे बाबा इसीलिए कोई गिरा ना पाया
लगा लो बाबा मुझे गले से ज़माने वालों ने दिल दुखाया।।

जो चले उजालों में साथ मेरे अंधेरो में कोई नज़र ना आया
ये तेरी कृपा है श्याम मेरे तभी अंधेरो से अबहर आया
लगा लो बाबा मुझे गले से ज़माने वालों ने दिल दुखाया ।।

हैं तेरे प्रेमी कुछ श्याम ऐसे जिन्होंने तेरा दर है दिखाया
भरोसा है तू राज मित्तल का तेरे भरोसे सब छोड़ आया
लगा लो बाबा मुझे गले से ज़माने वालों ने दिल दुखाया।।

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