माँ जागरण में आओ

जागरण की रात मैया,
जागरण में आओ,
माँ जागरण में आओ
आस लगाएं, बैठे हैं माँ,
अब तो दरश दिखाओ।।

तेरे भक्तों ने मैया,
तेरी जोत जगाई,
तेरे लिए महामाई,
चुनरी लाल मंगाई,
पान सुपारी, हलवा पूरी,
आकर भोग लगाओ,
जागरण की रात मैया,
जागरण में आओ,
माँ जागरण में आओ।।

तेरी शेर सवारी,
भक्तों के मन भाई,
दरश बिना अब तेरे,
इक पल रहा ना जाएं,
जल्दी से तुम आ जाओ माँ,
अब ना देर लगाओ,
जागरण की रात मैया,
जागरण में आओ,
माँ जागरण में आओ।।

पाठक केसरी मैया,
तेरी दिल से भेंटें गाएं,
जो भी दर पे आता,
झोली भर के जाएं,
लाडी की की भी मैया जी अब,
बिगड़ी बात बनाओं,
जागरण की रात मैया,
जागरण में आओ,
माँ जागरण में आओ।।

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