
महादेव मेरे कैसे करू तेरा शुक्रिया
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया
भोले नाथ मेरे कैसे करू तेरा शुक्रिया
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया
जलधि धार से प्रसाद से हाथ जोड़े भाव से
करू मैं तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया ।।
महादेव मेरे कैसे करू तेरा शुक्रिया
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया।।
तुम्ही साधक की साधना
तुम्ही सागर तुम ही साहिल हो
तुम हो बास्ते हर एक कण में
तुम ही शाश्वत तुम छड़ीक हो
तुमसे मिलकर इतना जाना
हाथ तुमको थमा दिया
फिर डर नहीं किस बात का अगर
महादेव ने गले ला लिया।।
महादेव मेरे कैसे करू तेरा शुक्रिया
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया
शम्भू नाथ मेरे कैसे करू तेरा शुक्रिया
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया।।
गलती मेरी थी याद करता था
तुमको बस दुःख घडी पे
बेसहारा बन के आया तेरे दर पे
तुमसे था लिपटा मैं रोया
तुमने ही तो सर सहलाया
और सुनकर मेरी नूरानी बाते
बन नूरानी बना दिया।।
महादेव मेरे कैसे करू तेरा शुक्रिया
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया
शम्भू नाथ मेरे कैसे करू तेरा शुक्रिया
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया।।
महादेव मेरे भोले नाथ मेरे
शम्भू नाथ मेरे दीना नाथ मेरे
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया।।।