महीनो फागण को रंगीलो बाबो श्याम बुलावे रे

महीनो फागण को रंगीलो बाबो श्याम बुलावे रे,
महीनो फागण को
महीनो फागण को रंगीलो बाबो श्याम बुलावे रे,
महीनो फागण को।।

फागुण का मेला के माहि भीड़ पड़ी है भारी जी,
बच्चा बूढ़ा सगळा आवे श्याम का दर्शन पावे जी,
रंग गुलाल उडावे रे सगळा रंग गुलाल उडावे रे सगळा,
चंग बजावे रे महीनो फागण को,
अरे रे महीनो फागन को रंगीलो,
बाबो श्याम बुलावे रे महीनो फागण को।।

दोलर चकरी झुला लाग्या जगह जगह भंडारा जी,
हाथ में ले निशान श्याम का रज रज दर्शन पावे जी,
सारा रस्ता भगत नाचता,
सारा रस्ता भगत नाचता,
गाता आवे जी फागुण आयो रे,
अरे रे महीनो फागन को रंगीलो,
बाबो श्याम बुलावे रे
महीनो फागण को।।

“निशा मंत्री” भजन सुनावे बाबा ने रिझावे जी,
बाबा श्याम की किरपा ऐसी सेजा मौज मनावे जी,
किरपा ऐसी म्हापे करदे किरपा ऐसी म्हापे कर,
थारा दर्शन पाऊं रे महीनो फागण को,
अरे रे महीनो फागन को रंगीलो,
बाबो श्याम बुलावे रे महीनो फागण को।।

महीनो फागण को रंगीलो बाबो श्याम बुलावे रे,
महीनो फागण को।।

Leave a Comment