
मैं हूँ शिव का मस्ताना, मुझ को होशियारी क्या
Main Hu Shiv Ka Mastana Mujh Ko Hoshiyari Kya Lyrics
मैं हूँ शिव का मस्ताना, मुझ को होशियारी क्या?
रहूं फिरता या घर में, मुझ को दुनियादारी क्या?
जो बिछुड़े हैं अपनों से, भटकते इधर-उधर फिरते,
मेरा शंकर है मुझमें, मुझ को इंतज़ारी क्या?
मैं हूँ शिव का मस्ताना, मुझ को होशियारी क्या?
हर कण में है भोलेनाथ, मुझ को दुनियादारी क्या?
तू अपने नाम पे इतराए, सिर यूँ ही पटकता है,
मेरा शिव नाम साँचा है, मुझ को दुनिया से यारी क्या?
न पल बिछुड़े शिव मुझसे, न मैं बिछड़ा भोले से,
उन्हीं से मोह लागी है, मुझ को बेकरारी क्या?
मैं हूँ शिव का मस्ताना, मुझ को होशियारी क्या?
हर सांस में वो समाए हैं, मुझ को दुनियादारी क्या?
भक्ति का सार है जोगी, शक निकाल दिल से,
राह नाज़ुक है प्रेम की, मुझ को बोझ भारी क्या?
भोले की दुनिया अलग है, ना ऊँच ना नीच ना विचार,
प्यार करे जो दिल से, शिव हैं उसी के यार।
मैं हूँ शिव का मस्ताना, शिव का मस्ताना |
Main Hu Shiv Ka Mastana Mujh Ko Hoshiyari Kya Lyrics
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