मन का मैल मिटा ले बंदे वरना फिर पछतायेगा

मन का मैल मिटा ले बंदे वरना फिर पछतायेगा
राम नाम का सुमिरन कर ले जन्म सफल हो जाएगा
मन का मैल मिटा ले बंदे वरना फिर पछतायेगा।।

मंजिल तेरी वही ठिकाना फिर क्यों उसको जाने न
तेरा और न कोई बंदे फिर तू क्यों ये माने न
माटी का पुतला है तू माटी में मिल जाएगा
राम नाम का सुमिरन कर ले जन्म सफल हो जाएगा
मन का मैल मिटा ले बंदे वरना फिर पछतायेगा।।

दिल में तेरे अंधकार छिपा है अब तू इस में ज्योति जगा ले
राम राम के दीपक से मन का तू अंधिकार मिटा ले
खाली हाथ आया है तू खाली हाथ ही जाएगा
राम नाम का सुमिरन कर ले जन्म सफल हो जाएगा
मन का मैल मिटा ले बंदे वरना फिर पछतायेगा ।।

चार दिनों का जीवन तेरा फिर वापिस ही जाना है
करना है जो करले बंदे वरना तू पछतायेगा
अभी उगा है सूरज तेरा कल को वो ढल जाएगा
राम नाम का सुमिरन कर ले जन्म सफल हो जाएगा
मन का मैल मिटा ले बंदे वरना फिर पछतायेगा।।

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