
मन में बसाके माँ को बंदे
जगमग दीप जलता जा
भूल के सारे दुख दर्दो को
गीत खुशी के गाता जा
जगमग दीप जलता जा।।
माँ शरण में जो भी आया
जो चाहा उसने वो पाया
शीश झुकाया जब चरणों में जब
भूल गया सब मो माया।।
अंतर मन से कोई पुकारे
माँ ही माँ तू गाता जा।।
गीत खुशी के गाता जा
जगमग दीप जलता जा ।।
वो मा है हर दुख से निकाला
भारती है जीवन में उजाले।।
लगे जो ठोकर वो ही संभाले
भरदे माँ जीवन में उजाले।।
वोही बहाए ममता के धारे
ममता के धरो में बहता जा ।।
गीत खुशी के गाता जा
जगमग दीप जलता जा
मन में बसाके मा को बंदे
जगमग दीप जलता जा ।।
भूल के सारे दुख दर्दो को
गीत खुशी के गाता जेया
जगमग दीप जलता जा।।
Mann Mein Basake Maa Ko Bande
Jag Mag Deep Jalata Jaa
Bhool Ke Saare Dukh Dardo Ko
Geet Khushi Ke Gaata Jaa
Jag Mag Deep Jalata Jaa
Maa Sharan Mein Jo Bhi Aaya
Jo Chaha Usne Vo Paya
Sheesh Jhukaya Jab Charno Mein Jab
Bhool Gaya Sab Moh Maya
Anterman Se Koi Pukare
Maa Hi Maa Tu Gata Jaa
Geet Khushi Ke Gaata Jaa
Jag Mag Deep Jalata Jaa
Vo Maa Hai Har Dukh Se Nikala
Bharti Hai Jeevan Mein Ujale
Lage Jo Thokar Vo Hi Sambhale
Bharde Maa Jeevan Mein Ujaale
Vohi Bahaye Mamta Ke Dhaare
Mamata Ke Dharo Mein Behta Jaa
Geet Khushi Ke Gaata Jaa
Jag Mag Deep Jalata Jaa
Mann Mein Basake Maa Ko Bande
Jag Mag Deep Jalata Jaa
Bhool Ke Saare Dukh Dardo Ko
Geet Khushi Ke Gaata Jaa
Jag Mag Deep Jalata Jaa
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