
मीठे रस से भरियो री राधा रानी लागे महारानी लागे
म्हाने खारो खारो यमुना जी रो पानी लागे
यमुना मैया कारी कारी राधा गोरी गोरी
वृन्दावन में धूम माचवे बरसाने री छोरी
जहाँ से निकले वहीँ पे छोड़े कदमो की परछाई
ब्रजधाम राधा ज्यो की राजधानी लागे
म्हाने खारो खारो यमुना जी रो पानी लागे
मीठे रस से भरियो री …………….
ना भावे मने माखन मिश्री अब ना को मिठाई
म्हारे जीवड़िया ने भावे अब तो राधा नाम मलाई
दूध दही से श्वेत है वो और सूरज जैसी उजळी
वृष्भानु की लली तो गुणधानी लागे
म्हाने खारो खारो यमुना जी रो पानी लागे
मीठे रस से भरियो री …………….
राधा राधा नाम रटत है जो नर आठों याम
तिनकी बढ़ा दूर करात है राधा राधा नाम
राधा के चरणों में ही तो मिलते चारों धाम
राधा नाम से सफल ज़िंदगानी लागे
म्हाने खारो खारो यमुना जी रो पानी लागे
मीठे रस से भरियो री …………….