
वृषभानु की लाडली जरा मेरी और निहार
साब द्वारे को छोड़ कर मैं आन पदों तेरे द्वार
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है
मेरा आपकी कृपा से……………..
में तो नहीं हूँ काबिल तेरा पार कैसे पाऊं
टूटी हुई वाणी से गुणगान कैसे गाऊं
करता नहीं मैं कुछ भी सब काम हो रहा है
मेरा आपकी कृपा से……………..
तूफ़ान आँधियों में तूने ही मुझको थामा
तुम कृष्ण बांके आये मैं जब बना सुदामा
तेरे साथ से गुलाम अब गुलफाम हो रहा है
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है
मेरा आपकी कृपा से……………..