
मेरे बाबा खाटू वाले भक्तों की जो सुनते हैं सदा
जो भी आये इनके दर पे झोली उसकी भरते हैं सदा।।
ऐसी है वो खाटू नगरिया
जो भी जाए मिलते सांवरिया
जिनसे प्रीत लगाईं साँची उसकी चिट्ठी श्याम ने बाँची
इनको अपना मीत बनाले भक्तों की जो सुनते हैं सदा
मेरे बाबा खाटू वाले भक्तों की जो सुनते हैं सदा ।।
मांगो इनसे मन की मुरादें
केहदो इनसे दिल की ये बातें
सुनते हैं कलयुग अवतारी पल में टाले विपदा सारी
कर दो नैया श्याम हवाले भक्तों की जो सुनते हैं सदा
मेरे बाबा खाटू वाले भक्तों की जो सुनते हैं सदा ।।
अर्ज़ी अपनी दर पे लगाओ
जब भी ध्याओ श्याम ही ध्याओ
कहता चोखानी ये सुनलो
कलयुग में इनको ही चुन लो
अजी इनके खेल निराले भक्तों की जो सुनते हैं सदा
मेरे बाबा खाटू वाले भक्तों की जो सुनते हैं सदा।।