मेरे भोले तू मन के द्वार खोले

शिव शिवाय शिव शिवाय
शिव शिवाय शिव शिवाय।।

नीली महिका और नीलकंठ नाद
चंद्र माथे और डमरू पकडे हाथ
सोम तारे जो वो है भोला नाथ ।।

मेरे भोले तू मन के द्वार खोले
जो तेरा नाम ले ले
तुझसे ही पार होले
इस नैया में सँवार।।

मेरे भोले तू मन के द्वार खोले
जो तेरा नाम बोले
इस भाव से जाए पार।।

मेरे भोले तू मन के द्वार खोले
जो तेरा नाम ले ले
तुझसे ही पार होले
इस नैया में सँवार।।

शिव शिवाय शिव शिवाय
शिव शिवाय शिव शिवाय।।

शिव पुराण पढ़ो अगम
या नहलाओ शिव लिंग
बेल चढ़ाओ या रहो निराहार
मंत्र जपो हर दिन
धतूरा या कमला का गट्टा
मदारी या बेल का पत्ता
कर जाओ तीरथ को तेरे धाम
जाता धरी महेश त्रिपुरारी
गंगा को धरा पे
लाये आकाश से उतार

मेरे भोले तू मन के द्वार खोले
जो तेरा नाम बोले
इस भाव से जाए पार।।
मेरे भोले तू मन के द्वार खोले
जो तेरा नाम ले ले
तुझसे ही पार होले
इस नैया में सवार ।।

शिव शिवाय शिव शिवाय
शिव शिवाय शिव शिवाय।।

ताम समाये शिवाय राख चढ़ाये
और गौर माँ है संग
नमः शिवाय दिगंबराये नमः
रूद्र अवतार बजरंग

तन मन है मेरा जीवन
कर जाउ तुझे अर्पण
है योगी मेरा सब तेरे नाम

नटराज त्रिशूल डमरू सजा
तांडव से तेरे कापा सारा संसार
नटराज त्रिशूल डमरू सजा
तांडव से तेरे कापा सारा ये संसार

मेरे भोले तू मन के द्वार खोले
जो तेरा नाम बोले
इस भाव से जाए पार।।
मेरे भोले तू मन के द्वार खोले
जो तेरा नाम ले ले
तुझसे ही पार होले
इस नैया में सवार ।।

शिव शिवाय शिव शिवाय
शिव शिवाय शिव शिवाय।।

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