
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे जो संवारूँ तुझे
Mere Kanha Main Niharu Tujhe Jo Sanvaru Tujhe
कान्हा मेरे, कान्हा मेरे, कान्हा
कान्हा मेरे, कान्हा मेरे, कान्हा
मैं निहारूं तुझे जो संवारूँ तुझे ॥
मेरी आँखें ये कान्हा से हटती नहीं
तेरी बंसी की धुन पे नाचूं हो के मगन ,
मेरी भक्ति ये दुनियां समझती नहीं
हाँ मैं पागल दीवानी चाहूँ दर्शन तेरा ,
बावरी हूँ मैं कान्हा ,तुम समर्पण मेरा।
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे ॥
कान्हा -कान्हा -कान्हा ॥
चले जो हवाएं बोले ,कान्हा कान्हा ,
बारिश की बूँदें बोले ,कान्हा कान्हा ,
राधा जू पुकारे बोले ,कान्हा कान्हा,
कण कण में वास तेरा ,कान्हा कान्हा ,
चाह तेरी ,राह मेरी ,कान्हा कान्हा
चाह तेरी ,राह मेरी ,कान्हा कान्हा
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे ॥
भूला हुआ था ,भटका हुआ था ,कान्हा तुमने संभाला ,
सबने नकारा तुमने सँवारा ,तू ही है इक सहारा ॥
मेरी शुरुवात ,मेरे कान्हा कान्हा ,
मेरी पहचान मेरे कान्हा कान्हा ,
मेरी मुस्कान ,मेरे कान्हा कान्हा ,
बंसी की तान बोले ,कान्हा कान्हा ,
दासी पुकारे ,आओ अब तो कान्हा,
हम सब पुकारें ,आओ कान्हा कान्हा।
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे ॥
कान्हा -कान्हा -कान्हा -कान्हा… ॥
Mere Kanha Main Niharu Tujhe Jo Sanvaru Tujhe