
खाटू नरेश श्री श्याम धणी के दर पे जो शीश झुकायेगा
शीश के दानी वरदानी से मन चाहा फल पायेगा
सेठों के सेठ कहाते हैं सरकार सांवरे
सब पे दया लुटाते हैं दिलदार सांवरे
मेरे यार सांवरे दिलदार सांवरे
हारे का साथ निभाते हैं सरकार सांवरे
दुखियों के कष्ट मिटाते हैं दिलदार सांवरे
मेरे यार सांवरे दिलदार सांवरे
कोई सवाली गया ना खाली दर से लखदातार के
जो मांगो वो मिल जाता है झोली यहाँ पसार के
सबकी आस पुराते हैं सरकार सांवरे
मायूस नहीं लौटाते हैं दिलदार सांवरे
मेरे यार सांवरे दिलदार सांवरे
जिनका सहारा कोई नहीं ये उनका सहारा बनते हैं
बहकतों की राहों के कांटे पलकों से ये चुनते हैं
सोये भाग्य जागते हियँ सरकार सांवरे
हारे को जीत दिलाते हैं दिलदार सांवरे
मेरे यार सांवरे दिलदार सांवरे
बाबा के चरणों में जो भी श्रद्धा पुष्प चढ़ाते हैं
खीर चूरमा पेड़ा बर्फी का जो भोग लगाते हियँ
उनको दरस दिखाते हैं सरकार सांवरे
ग्यारस पे खाटू बुलाते हैं सरकार सांवरे
मेरे यार सांवरे दिलदार सांवरे