
मेरी साँसें किसी तरह तुम्हारे काम आ जाएँ
समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये
मेरी साँसें किसी तरह ……………..
मेरी औकात क्या है जो आप से कुछ भी कह पाऊं
ये साँसे आपकी दी हैं बता कैसे मैं झूठलाऊँ
हो अंतिम सांस जो मेरी तेरे ही नाम हो जाए
समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये
मेरी साँसें किसी तरह ……………..
दयालु है तू सावरिया जाने दुनिया ये साड़ी
वक़्त ना पास है मेरे हमें दिल की बीमारी है
किये एहसान इतने हैं बता कैसे भुला पाएं
समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये
मेरी साँसें किसी तरह ……………..
कोई क्या तुमको देदेगा स्वयं भिक्षुक बने कान्हा
दिया है दान पल भर में नहीं सोचा नहीं जाना
स्वयं भगवन जब दर पे खड़े हो हाथ फैलाये
समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये
मेरी साँसें किसी तरह ……………..
धरूँ धीरज मैं कैसे अब समझ में कुछ नहीं आता
मैं लूँ कितने जनम फिर भी क़र्ज़ ना ये उतार पाए
हुए जो भी गुनाह मुझसे अगर वो माफ़ हो जाए
समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये
मेरी साँसें किसी तरह ……………..