
चालो रे चालो रे खाटू वालो श्याम बुला रहियो,
बाबा से मिलने खातिर मन हरषा रहियो,
घर खाटू धाम सो कोई दूजो नाहीं जग में,
हीरा मोती सब फीका लागे,
म्हाने जग सारो अब ना भावे,
खाटू का श्याम जी म्हारी सुण ल्यो बात जी,
म्हारी बिगड़ी बात बनाओं म्हारा खाटू वाला श्याम।।
खाटू माहीं सज कर बैठ्या बाबा लखदातारी,
सोहणा सोहणा चाँद सा मुखड़ा,
लीले की असवारी थारी मोरछड़ी सो,
कोई झाड़ो नहीं जग में,
हीरा मोती सब फीका लागे,
म्हाने जग सारो अब ना भावे,
खाटू का श्याम जी म्हारी सुण ल्यो बात जी,
म्हारी बिगड़ी बात बनाओं म्हारा खाटू वाला श्याम।।
संसार में स्वर्ग को ढूंढ कर तू क्यों बिगाड़े काम,
कलियुग में बैकुंठ बनावे प्यारा खाटू धाम।
एक बार तो इ जीवन में खाटू जाकर आऊँ,
बेड़ो पार लगासी बाबा जीवन सफल बनाऊं,
है लखदातारी कोई दूजो नाही जग में,
हीरा मोती सब फीका लागे,
म्हाने जग सारो अब ना भावे,
खाटू का श्याम जी म्हारी सुण ल्यो बात जी,
म्हारी बिगड़ी बात बनाओं म्हारा खाटू वाला श्याम।।
दूजो ना कोई देव श्याम जैसो दानी ना कोई थारे जैसो,
सोहणो ना देव कोई श्याम जैसो,
रूप ना कोई थारे जैसो,
भजन सुना कर देख तू याने कइया बिगड़ी बनावे,
अटक्योड़ी नैया ने बाबो,
भव से पार लगावे हारे को सहारो,
कोई दूजो नाहीं जग में,
हीरा मोती सब फीका लागे,
म्हाने जग सारो अब ना भावे,
खाटू का श्याम जी म्हारी सुण ल्यो बात जी,
म्हारी बिगड़ी बात बनाओं,
म्हारा खाटू वाला श्याम।।
खाटू वालो श्याम बुला रहियो,
बाबा से मिलने खातिर मन हरषा रहियो,
घर खाटू धाम सो, कोई दूजो नाहीं जग में,
हीरा मोती सब फीका लागे,
म्हाने जग सारो अब ना भावे,
खाटू का श्याम जी म्हारी सुण ल्यो बात जी,
म्हारी बिगड़ी बात बनाओं,
म्हारा खाटू वाला श्याम।।