
ना राम नाम लीनो तेने भरी जवानी में,
तू डूब के मर जा रे चुल्लू भर पानी में।।
क्या लायो माटी में मिल जायगो माटी में,
एक दिन काया तेरी कस जाएगी काठी में,
पानी का बबूला है, मिल जायेगो पानी में,
तू डूब के मर जा रे चुल्लू भर पानी में।।
क्यों करता मेरा मेरा यहाँ कुछ भी नहीं है तेरा,
एक दिन होगा भैया तेरा मरघट में डेरा ,
कछु कमाई के लेजा रे ऐसी जिंदगानी में,
तू डूब के मर जा रे चुल्लू भर पानी में।।
कर सच्ची भक्ति है भक्ति में शक्ति है,
या भक्ति से भैया मिल जाएगी मुक्ति है ,
तेने बालापन खोयो यो आनाकानी में ,
तू डूब के मर जा रे चुल्लू भर पानी में।।
सिंगर – पं पूज्य श्री अशोक कृष्ण ठाकुर जी