
शम्भू शम्भू कहती रहे मेरी ये जुबान
नाम तेरा भोले मेरी साँसों में बसा।।
तुम त्रिपुरारी भोले शंकर
और शीश में राजे गंग लहर
गल सर्पो की माला लेकर हे
अविनाशी जय महेश्वर
तुम भोले मेरी जान हो।।
शम्भू शम्भू कहती रहे मेरी ये जुबान
नाम तेरा भोले मेरी साँसों में बसा।।
क्या रूप भोले बाबा
गल में सर्पो की माल सजी
तन भस्मी रमाये रहते हो
सर जूट जटाये गंग चढ़ी
करते हो सफर जय नागेश्वर
बम बम लेहरी भोले शंकर।।
शम्भू शम्भू कहती रहे मेरी ये जुबान
नाम तेरा भोले मेरी साँसों में बसा।।
तीन आप धतूरा खाते हो
पीते हो भंग भरा प्यारा
मद मस्ती भरा जो आलम हो
नाचे शिव हो के मतवाला
टेडी हो नज़र बरपा दे केहर
बम बम लेहरी भोले शंकर।।
शम्भू शम्भू कहती रहे मेरी ये जुबान
नाम तेरा भोले मेरी साँसों में बसा।।
संतो के संताप हरे भोले भंडारी अविनाशी
भोलेपन में बह जाते है सेह जाते पर हित प्याला जी
पीकर के जहर हो जाते अमर
बम बम लेहरी भोले शंकर।।
शम्भू शम्भू कहती रहे मेरी ये जुबान
नाम तेरा भोले मेरी साँसों में बसा।।