
सावन के मेले में मैं इस बात जाउंगी
डुबकी लगा के भोले हरिद्वार नेहलाऊगी
ओ भोले जी न करना तुम इनकार।।
अब यो डमरू वाले हम को ऐसे न तरसाओ
वादा किया पिछले सावन वाधा तुम निभाओ
गंगा जी में डुबकी भोले जाके लगाऊगी
ओ भोले जी न करना तुम इनकार।।
ना घोटू मैं भांग चाहे जितना जोर लगाना लेना,
पड़ गए छाले हाथो में अब मिक्सी मूल मंगा लेना
तीन लोक के स्वामी सुन ले पीहर जाऊगी
ओ भोले जी न करना तुम इनकार।।
मान गया इब बात गोरा अपने पीहर मत जावे
बिन तेरे मेरा जी न लागे जो रे गोरा मत आवे
करदे माफ़ तू मने भोले अब न सताऊगी
ओ भोले जी न करना तुम इनकार।।