ओ खाटू वाले श्याम मैं तेरे दर पर नाचू रे

आज दिन ऐसा आयो नाचे दुनिया सारी
मोरवी का लाल पधारो सब जाएँ बलिहारी
करितक मास शुक्ल एकादशी तिथि बड़ी प्यारी
खाटू का राजा सज कर बैठा शोभा जिसकी न्यारी ।।

ओ खाटू वाले श्याम मैं तेरे दर पर नाचू रे
तुझको ही सजदा करूँ तेरे दर के चक्कर काटू रे
ओ खाटू वाले श्याम ……………

तेरी लखदातारी को बाबा मैं पहचानू
हारे का सहारा है तुझे अपना यार मैं मानू
दुनिया से मुझे क्या लेना मैं तेरा नाम ही राटू रे
ओ खाटू वाले श्याम मैं तेरे दर पर नाचू रे
तुझको ही सजदा करूँ तेरे दर के चक्कर काटू रे
ओ खाटू वाले श्याम ……………

सुना है मैंने खाटू वाले बिगड़ी बात बनाये तू
ठुकरा दे जिसको जग सारा उसको गले लगाए तू
तेरा तुझको भोग लगाऊं उसको सब मैं बाटूँ रे
ओ खाटू वाले श्याम मैं तेरे दर पर नाचू रे
तुझको ही सजदा करूँ तेरे दर के चक्कर काटू रे
ओ खाटू वाले श्याम ……………

तेरे दर की गलियों का सुन्दर है नज़ारा
रजत जैसे लाखों आते झुकता है जग सारा
अपर्णा तेरा नाम जापे मैं नाचन से ना हाटूँ रे
ओ खाटू वाले श्याम मैं तेरे दर पर नाचू रे
तुझको ही सजदा करूँ तेरे दर के चक्कर काटू रे
ओ खाटू वाले श्याम ……………

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