
चुलकाना के श्याम की लीला
पावन चुलकाना नगरी देव भूमि कहलाये
यहाँ का कण कण शीश दान की गाथा रहा सुनाये
पावन चुलकाना नगरी देव भूमि कहलाये।।
लाल मोरवी बर्बरीक को भगवन ने आजमाया
बर्बरीक ने हर पत्ते को भेद के फिर दिखलाया
प्रभु बोले हे राजन जैसा सुना था वैसा पाया
उस पीपल का पत्ता पत्ता आज भी ये दर्शाये।।
पावन चुलकाना नगरी देव भूमि कहलाये
यहाँ का कण कण शीश दान की गाथा रहा सुनाये
पावन चुलकाना नगरी देव भूमि कहलाये।।