
ओ ओ प्रभुजी मेरे प्रभुजी मेरे
प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा।।
प्यासा हिरण जैसे ढूंढे है जल को,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा।।
तू ही मेरे मन की अभिलाषा,
तू ही मेरे मन की अभिलाषा,
तेरी पूजा निस दिन करता रहूँ मैं,
तेरी पूजा निस दिन करता रहूँ मैं,
प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा
प्यासा हिरण जैसे, ढूंढे है जल को
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा।।
सोना चाँदी मैं तो ना माँगू,
सोना चाँदी मैं तो ना मांगू ,
मन तेरे प्रेम से भरता रहूँ मैं,
मन तेरे प्रेम से भरता रहूं मैं
प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा
प्यासा हिरण जैसे ढूंढे है जल को
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा।।
तू जो बन जाए श्रद्धा सुमन,
तू जो बन जाए श्रद्धा सुमन,
पुष्प पराग सा झरता रहूँ मैं,
पुष्प पराग सा झरता रहूं मैं,
प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
प्यासा हिरण जैसे ढूंढे है जल को,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा।।
प्यासा हिरण जैसे ढूंढे है जल को,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा।।