
राधे कर बदलाँ दी छां कि
आज मेरे शाम ने आना,
नी मैं छम छम नाच्दी फिराँ कि
आज हाराँ वाले ने आना।।
जदो हाराँ वाले कुटिया तो चल पए ,
औधो चल पई ठंडी-ठंडी हवा,
कि आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर बदलाँ दी छां कि
आज मेरे शाम ने आना।।
जदो हाराँ वाले साड्ड़ी गली विच आ गये,
मैं तां फुल वर्सान्दी फिराँ, कि आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर बदलाँ दी छां कि
आज मेरे शाम ने आना।।
जदों मेरे हाराँ वाले सिंहासन ते बह गये
मै ता संगता बलानदी फिराँ, की आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर बदलाँ दी छां कि
आज मेरे शाम ने आना।।
जदो मेरे हाराँ वाले वचन फरमानदे ने
मैं ताँ चर्नी शीश धरां,कि आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर बदलाँ दी छां कि
आज मेरे शाम ने आना।।