
रे मन हरी सुमिरन कर लीजे लिरिक्स | Re man Hari Sumiran Kar Leejiye Lyrics
जय जय राम राम श्री राम
जय जय राम राम श्री राम।।
रे मन हरी सुमिरन कर लीजे
हरी को नाम प्रेम सो जपिये
हरी रस रसना पीजे
रे मन हरी सुमिरन कर लीजे ।।
हरी गुण गाइये सुनिए निरंतर
हरी चरणन चित्त दीजे
हरी भक्तन की शरण ग्रहण करि
हरी संग प्रीत करीजे
रे मन हरी सुमिरन कर लीजे ।।
हरी हित खाइये पहिरिये हरी हित
हरी हित करम करिजे
हरी हित हरीसन सब जग सी ये
हरी हित मणि ही जीजे
रे मन हरी सुमिरन कर लीजे।।