
माँगू मैं क्या क्या नहीं तुमने दिया,
साँवरे तूने नहीं झुकने दिया।।
जब से मेरे सर तुम्हारा हाथ है,
ठोकरों में भी नहीं गिरने दिया,
मुझको तूने ना कहीं, झुकने दिया,
माँगू मैं क्या क्या नहीं तुमने दिया,
साँवरे तूने नहीं झुकने दिया।।
आँधियों मैं हम भी मिट जाते मगर,
साँवरे तुमने नहीं मिटने दिया,
मुझको तूने ना कहीं, झुकने दिया,
माँगू मैं क्या क्या नहीं तुमने दिया,
साँवरे तूने नहीं झुकने दिया।।
यों तो आए थे बड़े तूफ़ान भी,
उसको भी तुमने नहीं टिकने दिया,
मुझको तूने ना कहीं झुकने दिया,
माँगू मैं क्या क्या नहीं तुमने दिया,
साँवरे तूने नहीं झुकने दिया।।
डर के बैठा था मैं तो हार कर,
जब चला तुमने नहीं रुकने दिया,
मुझको तूने ना कहीं झुकने दिया,
माँगू मैं क्या क्या नहीं तुमने दिया,
साँवरे तूने नहीं झुकने दिया।
माँगू मैं क्या क्या नहीं तुमने दिया,
साँवरे तूने नहीं झुकने दिया