सदा ही जय हो तेरी महाकाली

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

जय काली नमः जय काली नमः
जय काली नमः जय जय काली नमः ।।

वर दाती कमला कलियानी।। चार भुजायों वाली
सदा ही जय हो तेरी महाकाली।।
नमन तुझे है भक्त जनो की रक्षा करने वाली
सदा ही जय हो तेरी महाकाली ।।
जय काली नमः जय काली नमः
जय काली नमः जय जय काली नमः।।

महिषासुर को मार के मईया रणचण्डी कहलाई
धूम्र विलोचन चण्ड मुण्ड का नाश किया महामाई।।
धर्म ध्वजा महाकलका ने है।। अपने हाथ संभाली
सदा ही जय हो तेरी महाकाली।।
जय काली नमः जय काली नमः
जय काली नमः जय जय काली नमः।।

शुम्भ निशुम्भ के कोप से डरके देवते जब घबराए l
महादैत्य ने तीन लोक में थे उत्पात मचाए।।
रक्त बीज़ के रक्त की धारा।। योगनिया पी डाली
सदा ही जय हो तेरी महाकाली।।
जय काली नमः जय काली नमः
जय काली नमः जय जय काली नमः।।

जल में थल में नील गगन में बिचर रही माँ अम्बे
पाप नाशनी मंगल करनी दयावान जगदम्बे।।
जयकारा सब प्रेम से बोलो।। भर लो झोली ख़ाली
सदा ही जय हो तेरी महाकाली।।
जय काली नमः जय काली नमः
जय काली नमः जय जय काली नमः।।

संजय के भी भाग जगाओ मन के भाग्य विधाता l
मंदिर मंदिर महिमा तेरी सुबह शाम रहे गाता।।
दीन निमाने कवि को अपने।। नाम की बख्शो लाली
सदा ही जय हो तेरी महाकाली।।
जय काली नमः जय काली नमः
जय काली नमः जय जय काली नमः।।

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