
सज गया सरकार देखो प्यारो है श्रृंगार
अमृत बरसेलो जी बरसेलो बरसेलो
अमृत बरसेलो जी बरसेलो बरसेलो ।।
केसरिया है बागो तन पर
मोर छड़ी मन भावे जी
ऐसी ज्योत जलाये बाबा की
हर विपदा ताल जावे जी
गम के लखदातार देखो
महके है दरबार देखो
अमृत बरसेलो जी बरसेलो बरसेलो ।।
सज गया सरकार देखो प्यारो है श्रृंगार
अमृत बरसेलो जी बरसेलो बरसेलो
अमृत बरसेलो जी बरसेलो बरसेलो ।।